Monday, September 22, 2008

my spl poems of ever

सुनामी लहरे
कहर लाइ सुनामी लहरे
सबके पड़ गे पिल्ले चेहरे!!
भूकंप आया बड़ा भयानक
शहर के शहर हो गए अचानक!!
मौत का तांडव खेल गई वोह लहरे
जिंदगी कितनी ले गई वोह लहरे!!
समुन्द्र मे उठा था यह सहलाव
ले डूबा कई जिन्दगी और देगया कई घाव!!
दुःख बाटने जब पहुचे लोग
अपनों के शव देख मनाने लगे शोक!!
जहा देखा वही थी लाश
हर एक को अपनी खोये हुए की तलाश!!
सफल वर्ष का दुखद अंत
जहलक रहा था अपनों से बिछडने का गम!!!!

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